डायबिटीज किस उम्र में होता है | एक ऐसा रोग जो जिंदगी की मिठास को छीन लेता है

नमस्ते पाठकों! आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम बात करेंगे डायबिटीज के बारे में यानि डायबिटीज क्या है, डायबिटीज किस उम्र में होता है, लक्षण और बचाव. यह एक खतरनाक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या है जो आजकल दिन पर दिन इंडिया में बढ़ रही है बढ़ रही है. हम इस पोस्ट में डायबिटीज के लक्षण, प्रकार, कारण, और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.

बहुत से लोगों का एक सवाल होता है की डायबिटीज किस उम्र में होता है. एक शोध में पता चला है की भारत में डायबिटीज के मरीज 10 करोड़ के पार पहुंच चुके हैं जो की दुनियां में सबसे ज्यादा हैं. विशेज्ञों का कहना है कि यदि इस पर कंट्रोल न किया गया तो यह एक भयंकर महामारी भारत में पैदा कर सकता है. यह एक साइलेंट प्रकार की बीमारी है जो शुरू में किसी को पता भी नहीं चलती है और जब पता चलती है तो बहुत देर हो जाती है. इसलिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और समझें - 

diabetes kya hai uar kis umra me hota hai

डायबिटीज क्या है?

डायबिटीजहम आम भाषा में मधुमेह और ज्यादा आम भाषा में शक्कर की बीमारी कहते हैं. एक गंभीर रोग है जिसमें शरीर में रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर बढ़ जाता है इसके परिणामस्वरूप पेन्क्रियास ग्लूकोज को सही ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाता है और इंसुलिन जो ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करता है की कमी होती है.

इसे दूसरी तरह से समझें तो जब शरीर में इन्सुलिन की कमी हो जाए और जिसके कारण खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, इस पूरी स्थिति को डायबिटिज कहा जाता है. इंसुलिन एक प्रकार का हारमोन होता है जो शरीर के भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करता है. अब यदि इन्सुलिन की कमी हो जाती है तो शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती है जिससे इस तरह के रोग बढ़ जाते हैं

डायबिटीज के लक्षण

जब आपको नीचे दिए गए लक्षण अपने शरीर में दिखें तो आप समझ जाएं कि आपको डायबिटीज होना शुरू हो चुकी है. डायबिटीज के निम्लिखित लक्षण हैं - 

अत्यधिक प्यास और भूख लगना - यदि आपको बार बार प्यास और भूख लगे तो यह इस बीमारी का एक सामान्य लक्षण हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती है तो भूख, प्यास लगती है.

बार-बार पेशाब लगना - जब आपको बार बार पेशाब लगे और इतनी तेज लगे कि उसे साधना मुश्किल हो जाये तो इसे डायबिटीज लक्षण कहा जायेगा.

थकान और कमजोरी का अनुभव होना - जब शरीर बिना बजह थका सा लगे और कमजोरी महसूस हो तो इसे एक लक्षण की तरह देखें. वजन कम होना या बढ़ना

त्वचा का सूखा और खुजली चलना - यदि आपको त्वचा में सूखपन लगे और साथ में खुजली चले तो यह भी एक लक्षण है डायबिटीज का

चक्कर आना - चाकर आने के और भी कारण है पर दिए गए लक्षणों के साथ चक्कर आना भी इसका एक संकेत है.

धुन्दला दिखाई देना - जब कभी आपको आँखों के आगे ढूंड आ जाए तो सतर्क हो जाएँ.

चोट या घाव भरने में ज्यादा समय लगना - कभी कभी चोट लग जाने पर घाव हो जाता है पर जरूरत से ज्यादा समय लगे भरने में तो डॉक्टर के पास जाएँ

डायबिटीज के प्रकार

डायबिटीज मुख्या रूप से दो प्रकार की होती है प्रकार 1 और प्रकार 2 जिसका वर्णन नीचे विस्तार से किया गया है. दोनों प्रकार अलग अलग होते हैं एवं अलग अलग अवस्था के लोगों में पाए जाते हैं. इन दो प्रकारों में लक्षण लगभग एक हो देखने को मिलते हैं जो ऊपर बताए गए हैं, पर दोनों में अंतर होता है. तो चलिये जानते हैं डायबिटीज के प्रकार एवं कारण - 

डायबिटीज प्रकार 1

यह प्रकार आमतौर पर बच्चों और युवाओं में पाया जाता है. इस प्रकार की डायबिटीज में पेन्क्रियास ग्लूकोज को शरीर में कंट्रोल नहीं कर पाता है जिससे इन्सुलेशन में कमी आती है एवं शरीर को ऊर्जा नहीं मिल पाती है. यह एक ऐसा प्रकार है जिसका रुकना काम नहीं किया जा सकता है मतलब यह एक दुर्लभ प्रकार है डायबिटीज का.

डायबिटीज प्रकार 2 

यह प्रकार 1 का ठीक उल्टा होता है और यहआमतौर पर वयस्कों में देखा जाता है और यह अधिकतर आहार और गलत जीवनशैली के कारण विकसित होता है. इस बीमारी के 80 से 90 प्रतिशत लोग इसी प्रकार में आते हैं. जो लोग ज्यादा मोटे होते हैं उनमें इसका प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है.

यह एक आम प्रकार होने के कारण किसी को पता भी नहीं चलता है. शायद आपको भी इस प्रकार की डायबिटीज हो और आप बेख़बर हों.

गर्भावस्था में डायबिटीज का होना - यह गर्भवती महिलाओं को प्रभावित कर सकता है और गर्भावस्था के दौरान गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. 

डायबिटीज के कारण

डायबिटीज के कारणों में कई प्रमुख फ़ैक्टर्स शामिल हैं यहाँ कुछ डायबिटीज के मुख्य कारण दिए गए हैं:

गलत खान पान - गलत खान, अधिक मीठे और प्रक्रियाजन्य खाद्य पदार्थों का सेवन डायबिटीज होने का एक प्रमुख कारण है. अधिक मात्रा में शकर खाना, तैलीय आइटम खाना का सेवन आपकी शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करके इंसुलिन की क्रिया में खलल डाल सकता है.

शारीरिक गतिविधियों में कमी - अधिक समय तक बैठे रहना या शारीरिक गतिविधियों की कमी डायबिटीज के विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है. यह स्थिति शरीर में इंसुलिन के प्रभाव को कम कर सकती है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने वाले प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है.

मोटापा - मोटापा डायबिटीज के विकास का एक महत्वपूर्ण कारक है. अधिक मात्रा में शर्करा और अतिरिक्त वसा शरीर में इंसुलिन की उत्पत्ति और उपयोग को प्रभावित करते हैं, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं और डायबिटीज के विकास को बढ़ा सकते हैं.

आनुवंशिकता - आनुवंशिक कारक भी डायबिटीज के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं यदि आपके परिवार में पहले से ही डायबिटीज के मरीज हैं, तो आपके डायबिटीज के ख़तरे में आने की संभावना बढ़ जाती है.

अन्य लाइफस्टाइल और वातावरणिक कारक - तंबाकू या अत्यधिक अल्कोहल का सेवन, स्त्री हार्मोन असंतुलन, उच्च रक्तचाप, डिफ़ीशिंसी विटामिन डी, और निर्धारित एक्सरसाइज़ की अभावित क्षेत्र में रहना डायबिटीज के विकास के लिए संभावित कारक हैं.

यहाँ दिए गए कारण सिर्फ़ सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं. डायबिटीज के कारण और उनके प्रभाव के बारे में विस्तृत चर्चा करने के लिए एक वैद्यकीय विशेषज्ञ से परामर्श करना सर्वोत्तम होगा.

डायबिटीज का उपचार और सावधानियां

उचित आहार और व्यायाम - स्वस्थ आहार खाना और नियमित रूप से व्यायाम करना डायबिटीज के रोकथाम में मदद कर सकता है. सही खानपान और व्यायाम करना शरीर के हर अंग के लिए बहुत जरूरी है एवं सभी बीमारियां दूर होती हैं.

सही दवाएँ - कुछ मरीजों को इंसुलिन की आवश्यकता होती है, जबकि दूसरे लोग और मधुमेह के लिए विशेष दवाओं का उपयोग कर सकते हैं.

कराएं नियमित जांच - रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी रखना और डायबिटीज के संकेतों के लिए नियमित मेडिकल जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है. इससे यह बीमारी कंट्रोल में रहती है.

सावधानियां

  1. स्वस्थ आहार खाएं और अत्यधिक शक्तिशाली खाद्य पदार्थों से बचें.
  2. व्यायाम करना और वजन को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है.
  3. नियमित चिकित्सा जांचों का पालन करें और डॉक्टर के सलाह का पालन करें.
  4. जब भी डायबिटीज के संकेत दिखाई दें, तत्परता और समय पर उपचार करें.

डायबिटीज किस उम्र में होता है

डायबिटीज किस उम्र में होता है यह बहुत कॉमन सवाल हैडायबिटीज के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज शामिल हैं. टाइप 1 डायबिटीज आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में उत्पन्न होता है और इसकी सबसे मुख्य वजह है कि शरीर का खुदरा प्रणाली अपनी ही प्रतिरक्षा प्रणाली के खिलाफ हमला कर रही होती है. 

टाइप 2 डायबिटीज विशेष रूप से बढ़ते हुए वयस्कों में देखा जाता है, जो आमतौर पर 40 वर्ष की उम्र के बाद शुरू होता है. इसका मुख्य कारण है शरीर की अप्रत्याशित रूप से बढ़ती वजन, असंतुलित आहार और अव्यवस्थित जीवनशैली.

टाइप 1 डायबिटीज आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में उपजता है. इसे अक्सर जुवेनाइल डायबिटीज भी कहा जाता है. यह ऐसे कारणों के कारण होता है जो शरीर की इंसुलिन उत्पादन प्रणाली को हानि पहुंचाते हैं. इसका मुख्य कारण हो सकता है विरासत में रोगी परिवार का इतिहास, अंतिम मासिक धर्म के बाद की उम्र, विषम खानपान और ग्रस्त तत्वों या वायरसों से होने वाले संक्रमण आदि 

टाइप 2 डायबिटीज विशेष रूप से वयस्कों में पाया जाता है, लेकिन आजकल यह युवा और बच्चों में भी देखा जा रहा है. इसका मुख्य कारण होता है शरीर की सुषम प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी और असंतुलित खानपान और जीवनशैली होती है.

इसलिए डायबिटीज किस उम्र में होता है तो डायबिटीज का उम्र से कोई सम्बन्ध नहीं है, लेकिन टाइप 1 डायबिटीज बचपन और किशोरावस्था में अधिक आम होता है जबकि टाइप 2 डायबिटीज वयस्कों में अधिक देखा जाता है. हालांकि, अव्यवस्थित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधियाँ, वजन को नियंत्रित रखना और स्वस्थ जीवनशैली अनिवार्य हैं ताकि डायबिटीज के विकास का खतरा कम हो सके.

सारांश

मेने आपको इस पोस्ट में डायबिटीज क्या है, डायबिटीज किस उम्र में होता है, लक्षण और बचाव क्लियर कर दिया है. यदि आपको डायबिटीज के लक्षण या इससे जुड़े किसी अन्य सवाल की जानकारी चाहिए, तो सबसे अच्छा होगा कि आप एक चिकित्सक की सलाह लें जो आपकी व्यक्तिगत स्थिति को मापन कर सकता है और उचित उपचार सुझा सकता है

डायबिटीज एक गंभीर समस्या है जो शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. स्वस्थ आहार, व्यायाम, और नियमित चिकित्सा जांच करके, हम इस समस्या को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं. डायबिटीज से प्रभावित होने से बचने के लिए, हमें एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए और संबंधित सावधानियों का पालन करना आवश्यक है.

आशा है, यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण और सहायक साबित होगी. डायबिटीज के बारे में अधिक जानकारी के लिए, अपने चिकित्सक से संपर्क करें और नियमित रूप से जांच करवाएं. स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!

Prashant Dubey

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